बुधवार, 1 जनवरी 2020

संज्ञा : परिभाषा और प्रकार



संज्ञा शब्द का अर्थ नाम होता है । किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, दशा/अवस्था, गुण या व्यापार के नाम को संज्ञा कहते हैं ।
उदाहरण :
1.       राम और राधा वाराणसी जाते हैं ।
2.       सीता कुर्सी पर बैठी है ।
3.       सभी मनुष्यों से प्रेम करना चाहिए ।
4.       बचपन में सोहन बहुत सुंदर था । 
                 इन वाक्यों में रेखांकित शब्द राम, राधा और सीता व्यक्ति के नाम हैं, वाराणसी शहर का नाम है, कुर्सी वस्तु का नाम है, प्रेम भाव का नाम है, मनुष्य जाति का नाम है और बचपन अवस्था का नाम है । अतः ये सभी संज्ञाएँ हैं ।
              संज्ञा मुख्यतः तीन प्रकार की मानी जाती है :
1.    व्यक्तिवाचक संज्ञा
2.    भाववाचक संज्ञा
3. जातिवाचक संज्ञा
                  कुछ लोगों ने संज्ञा के दो अन्य भेद (1. द्रव्यवाचक संज्ञा और 2. समूहवाचक संज्ञा) भी माने हैं। इसलिए इसके पाँच भेद माने जा सकते हैं, लेकिन प्रायः इन दोनों भेदों को जातिवाचक संज्ञा में शामिल माना जाता है ।
1.       व्यक्तिवाचक संज्ञा :  जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान विशेष के नाम का पता चलता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं ।
       उदाहरण :
1.       तुलसी रेलगाड़ी से मुंबई जाएगी ।
2.       सोहन कुर्सी पर बैठा है ।  
3.       शिव कलम से लिख रहा है ।
4.       राम किताब पढ़ता है ।
इन रेखांकित शब्दों में तुलसी एक व्यक्ति का नाम है, रेलगाड़ी वस्तु का नाम है और मुंबई स्थान का नाम है । इसलिए ये व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ हैं ।
2.       भाववाचक संज्ञा : जो शब्द किसी गुण, स्वभाव, भाव या दशा/अवस्था के नाम का पता चलता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं ।
उदाहरण :
1.       माँ बच्चे से प्रेम करती है ।
2.       राम और सोहन में मित्रता है ।
3.       बीमारी बुरी होती है ।
4.       महात्मा गांधी ने शांति का संदेश दिया ।
इन वाक्यों में प्रेम, मित्रता, बीमारी और शांति भाव या दशा को बताने वाले शब्द हैं । इस लिए ये भाववाचक संगयाएँ हैं ।
3.       जातिवाचक संज्ञा :  जिन संज्ञा शब्दों से व्यक्तियों, वस्तुओं आदि की संपूर्ण का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं । 
उदाहरण :
1.       पक्षी उड़ रहे हैं ।
2.       भारत में कई नगर हैं ।
3.       गंगा बड़ी नदी है ।
4.       लड़की पढ़ रही है ।
(i)        समूहवाचक संज्ञा : जिन शब्दों से व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह का पता चलता है, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं ।
उदाहरण :
1.       भारत की सेना बड़ी है ।
2.       कक्षा चल रही है ।
3.       यहाँ बहुत भीड़ है ।
(ii)      द्रव्यवाचक संज्ञा : जिस संज्ञा शब्द से उस पदार्थ या सामाग्री का बोध होता है जिससे कोई वस्तु बनी हो, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं । इन द्रव्य या पदार्थ का नाप या तोल हो सकता है गणना नहीं होती ।
उदाहरण : लोहा, सोना, दूध, अनाज आदि ।