मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

छायावाद युग

(सन् 1918 से 1936 ई.)

आधुनिक हिंदी  कविता  के तीसरे  युग को छायावाद युग  कहा जाता है  । इसे आधुनिक हिंदी कविता का स्वर्ण-युग माना जाता है। छायावाद युग में लिखी गई कविताओं को छायावादी कविता कहते हैं । छावादी कविताएँ लिखने वाले चार मुख्य कवि हैं

1.      जयशंकर प्रसाद

2.      निराला

3.      महादेवी वर्मा

4.      सुमित्रा नंदन पंत

छायावादी  कविता  की  विशेषताएँ :

1.      छायावादी कविता प्रेम और सौंदर्य की कविता है ।

2.      इन कविताओं में कल्पना अधिक है ।

3.      छायावादी कवियों ने प्रकृति से प्रेम की कविताएँ लिखी हैं ।

4.      इन्होंने प्रकृति का वर्णन मनुष्य के रूप में (मानवीकरण) किया है ।

5.      छायावादी कविता में स्त्री को प्रेम और सम्मान दिया गया है ।

6.      छायावादी कविता मानवता की कविता है ।

7.      इस कविताओं स्वतंत्रता की इच्छा है ।

8.       छायावादी कविता की भाषा में संस्कृत शब्दों का प्रयोग अधिक है ।

उदाहरण :

दिवसावसान का समय

मेघमय आसमान से उतर रही है

वह संध्या-सुंदरी परी-सी

धीरे-धीरे-धीरे ।                                         (संध्या-सुंदरी : निराला )

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