रविवार, 19 अप्रैल 2020

जयशंकर प्रसाद

 

जयशंकर प्रसाद



जयशंकर प्रसाद का जन्म बनारस के एक धनी परिवार में हुआ था । उनके दादा जी सुँघनी साहू बनारस के प्रसिद्ध व्यवसायी थे । बचपन में ही जयशंकर प्रसाद की माता जी की मृत्यु हो गई । उनकी आरंभिक पढ़ाई क्विंस कॉलेज वाराणसी में हुई ।

जयशंकर प्रसाद ने हिंदी की अनेक विधाओं में रचनाएँ कीं । कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास इनमें से मुख्य विधाएँ हैं ।

जयशंकर प्रसाद छायावाद युग के महत्त्वपूर्ण कवि हैं । इनकी कविताओं में बहुत मधुरता है । कामायनी इनकी सबसे प्रसिद्ध काव्य-पुस्तक है।

जयशंकर प्रसाद की 48 वर्ष की उम्र में क्षय ( टी. बी.) रोग के कारण हुई । इनकी मृत्यु की तारीख 14 जनवरी 1937 है ।

जयशंकर प्रसाद के काव्य की विशेषताएँ :

·        जयशंकर प्रसाद प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं ।

·        उनकी कविताओं  में मधुरता है ।

·        इन कविताओं में कल्पना की अधिकता है ।

·        प्रसाद ने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विषयों पर कविताएँ लिखी हैं ।

·        उनके पूरे साहित्य में भारत के सांस्कृतिक गौरव का गान है ।

·        उन्होंने  प्रेम और त्याग तथा समर्पण को सबसे ऊँचा मानवीय मूल्य माना है ।

·        आँसू आधुनिक हिंदी कविता में विरह काव्य का सुंदर उदाहरण है ।

·        कामायनी आधुनिक हिंदी कविता का  सबसे महत्त्वपूर्ण महाकाव्य है ।

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