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बुधवार, 23 दिसंबर 2020

हिंदी (ऐच्छिक) 2020- 21प्रतिदर्श प्रश्न पत्र-1

कक्षा- बारहवीं

विषय- हिंदी  (ऐच्छिक)  विषय कोड- 002

निर्धारित समय- 3 घंटे                                                                                                       अधिकतम अंक 80                                     


·        सामान्य निर्देश: निम्नलिखित निर्देशों का पालन कीजिए :

·        प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं अ और ब ।

·        अ खंड में वस्तुपरक और ब खंड में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे जाएंगे । अ खंड में कुल छह प्रश्न पूछे जाएंगे जिसमें प्रश्नों के वैकल्पिक प्रश्न भी शामिल हैं । निर्देशों का पालन कराते हुए उत्तर दीजिए ।

·        ब खंड में कुल छह प्रश्न पूछे जाएंगे जिसमें प्रश्नों के वैकल्पिक प्रश्न भी शामिल हैं । निर्देशों का पालन करते हुए उत्तर दीजिए ।

 

प्रश्न सं.

खंड : अ (वस्तुपरक प्रश्न )

40 अंक

प्रश्न- 1

अपठित गद्यांश                                                                                       

·        निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढिए 

मेरी समझ से गांधी जी को समझने की कुंजी तीन शब्‍दों में है - सत्‍य, अहिंसा और अभय। उनकी प्रत्‍येक विचारधारा में तीनों मौजूद हैं, पर विषयानुसार जोर कभी एक पर है तो कभी दूसरे पर। उनकी राजनीति को समझना चाहो तो केंद्रीय शब्‍द अहिंसा और उनकी शिल्‍प-दृष्टि, रस-दृष्टि या साहित्‍य-दर्शन को समझना चाहो तो विशेष बल देना होगा 'सत्‍य' पर। उनकी शिल्‍प-दृष्टि का विवेचन करते समय मैंने तुम्‍हें बताया था कि शिल्‍प की रचनात्‍मक प्रक्रिया और रूपायन में 'सत्‍य' यानी 'अकृत्रिमता' 'स्‍वाभाविकता' सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, तो उस शिल्‍प की उपयोगिता के संदर्भ में 'अहिंसा' प्रमुख हो जाती है। क्‍योंकि शिल्‍प की उपयोगिता से जुड़ा है आत्‍मा के विकास का प्रश्‍न और मानवीय न्‍याय-बोध का प्रश्‍न और इन दोनों प्रश्‍नों के संदर्भ में शिल्‍प का शुद्ध विलास के लिए उपयोग करना 'हिंसा' है। विलास समाज के भीतर बहुजन की रोटी के अपहरण पर और स्‍वयं अपनी आत्‍मा के हनन पर ही फलता-फूलता और फैलता है। पश्चिम में क्‍या हुआ? विलास के घोर अरण्‍य में घासपात के भीतर आत्‍मा का ही लोप हो गया। अब पश्चिमी साहित्‍य उस हीरे की खोज में विकल होकर सारे अलंकरण-आवरण को फेंककर नग्‍नता के मध्‍य, 'न्‍युडिटी' के माध्‍यम से, मुक्‍ताचरण के माध्‍यम से उसे जानना-पहचानना चाहता है। विलास और अलंकरण-तृषा 'परपीड़न' तो है ही, आत्‍महिंसा भी है। और पुतुल, जानती है इस हिंसा का सर्वाधिक लक्ष्‍य कौन है? वह है नारी! परंतु पुतुल, आत्‍मविस्‍मृति की हद तब हो जाती है जब वह इस हिंसामृगया की शिकार होकर भी स्‍वयं को शिकारी मानने लगती है, अपने को पक्‍का खिलाड़ी मानने लगती है, पर यह भूल जाती है कि खेल शुरू हो जाने पर जो कमजोर रहता है उसे ही खिलौना बन जाता पड़ता है, वह खिलाड़ी नहीं रह जाता। गांधीजी ने विलास और अलंकरण-तृष्‍णा के स्‍थान पर सादगी की जो वकालत की है, वह किसी पुराणपंथी शुष्‍कता के कारण नहीं; बल्कि इस 'परहिंसा' और 'आत्‍म-हिंसा' के विरोध में ही है। इसी से उनकी शिल्‍प-दृष्टि में 'सत्‍य' केंद्रीय रहते हुए भी अहिंसा से जुड़ा है और दोनों जीवन को 'अभय' की ओर ले जाते हैं। गांधीजी को इसका श्रेय है कि जीवन के हरेक क्षेत्र में सूक्ष्‍म रूप से प्रवेश करती हुई हिंसा के खूबसूरत से खूबसूरत चेहरों के भीतर छिपी सर्प-दृष्टि को वे पहचानते थे और उँगली उठाकर उसके प्रति हमें निरंतर सावधान करते रहे।

·        निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए—

(क)  लेखक ने गांधी को समझने की लिए निम्नलिखित विकल्पों में से किसे कुंजी नहीं माना है ?

(i)                  सत्य

(ii)                अहिंसा

(iii)               ब्रह्मचर्य

(iv)              अभय

(ख)  शिल्प की उपयोगिता का प्रश्न निम्नलिखित में से किससे जुड़ा है ?

(i)                  आत्‍मा के विकास का प्रश्‍न

(ii)                मानवीय न्‍याय-बोध का प्रश्‍न

(iii)               न (i) और न (ii) से

(iv)              दोनों (i) और (ii)से

(ग)    लेखक के अनुसार हिंसा का सर्वाधिक लक्ष्य कौन है ?

(i)                  प्रकृति

(ii)                नारी

(iii)               विश्व

(iv)              मनुष्य

(घ)   गांधी जी किसके प्रति हमें निरंतर सावधान करते रहे ?

(i)                   'न्‍युडिटी' के माध्‍यम से,

(ii)                हिंसा के खूबसूरत से खूबसूरत चेहरों के भीतर छिपी सर्प-दृष्टि से

(iii)               बहुजन की रोटी के अपहरण से

(iv)              आत्‍मा के लोप से

(ङ)  गाँधी का साहित्य-दर्शन किसपर आधारित है ?

(i)                  अहिंसा पर

(ii)                रस पर

(iii)               शिल्प पर

(iv)              सत्य पर

(च)   बहुजन की रोटी के अपहरण पर और स्‍वयं अपनी आत्‍मा के हनन से क्या होता है ?

(i)                  विलास फलता-फूलता और फैलता है ।

(ii)                सत्य को बल मिलता है ।

(iii)               अहिंसा का विस्तार होता है

(iv)              अभय मिलता है ।

(छ)  पश्चिमी साहित्‍य किस हीरे की खोज में विकल है ?

(i)      आत्मा

(ii)    घासपात

(iii)   अरण्य

(iv)  अलंकरण

(ज)  गांधीजी ने विलास और अलंकरण-तृष्‍णा के स्‍थान पर सादगी की वकालत क्यों की है ?

(झ)  गाँधी की शिल्प दृष्टि में  केंद्रीय क्या है ?

(i)                  सत्य

(ii)                अहिंसा

(iii)               अभय

(iv)              धर्म

(ञ)  गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा ?

(i)                  गाँधी जी की शिल्प दृष्टि

(ii)                गाँधी जी और सत्य

(iii)               गाँधी जी और अहिंसा

(iv)             गाँधी जी और आजादी

अथवा

तत्ववेत्ता शिक्षाविदों के अनुसार विद्या दो प्रकार की होती है। प्रथम वह, जो हमें जीवन-यापन के लिए अर्जन करना सिखाती है और द्रवितीय वह, जो हमें जीना सिखाती है। इनमें से एक का भी अभाव जीवन को निरर्थक बना देता है। बिना कमाए जीवन-निर्वाह संभव नहीं। कोई भी नहीं चाहेगा कि वह परावलंबी हो-माता-पिता, परिवार के किसी सदस्य, जाति या समाज पर। पहली विद्या से विहीन व्यक्ति का जीवन दूभर हो जाता है, वह दूसरों के लिए भार बन जाता है। साथ ही विद्या के बिना सार्थक जीवन नहीं जिया जा सकता। बहुत अर्जित कर लेनेवाले व्यक्ति का जीवन यदि सुचारु रूप से नहीं चल रहा, उसमें यदि वह जीवन-शक्ति नहीं है, जो उसके अपने जीवन को तो सत्यपथ पर अग्रसर करती ही है, साथ ही वह अपने समाज, जाति एवं राष्ट्र के लिए भी मार्गदर्शन करती है, तो उसका जीवन भी मानव-जीवन का अभिधान नहीं पा सकता। वह भारवाही गर्दभ बन जाता है या पूँछ-सींगविहीन पशु कहा जाता है।

वर्तमान भारत में दूसरी विद्या का प्राय: अभावे दिखाई देता है, परंतु पहली विद्या का रूप भी विकृत ही है, क्योंकि न तो स्कूल-कॉलेजों में शिक्षा प्राप्त करके निकला छात्र जीविकार्जन के योग्य बन पाता है और न ही वह उन संस्कारों से युक्त हो पाता है, जिनसे व्यक्ति कुसे सुबनता है; सुशिक्षित, सुसभ्य और सुसंस्कृत कहलाने का अधिकारी होता है। वर्तमान शिक्षा-पद्धति के अंतर्गत हम जो विद्या प्राप्त कर रहे हैं, उसकी विशेषताओं को सर्वथा नकारा भी नहीं जा सकता। यह शिक्षा कुछ सीमा तक हमारे दृष्टिकोण को विकसित भी करती है, हमारी मनीषा को प्रबुद्ध बनाती है तथा भावनाओं को चेतन करती है, किंतु कला, शिल्प, प्रौद्योगिकी आदि की शिक्षा नाममात्र की होने के फलस्वरूप इस देश के स्नातक के लिए जीविकार्जन टेढ़ी खीर बन जाता है और बृहस्पति बना युवक नौकरी की तलाश में अर्जियाँ लिखने में ही अपने जीवन का बहुमूल्य समय बर्बाद कर लेता है।

जीवन के सर्वागीण विकास को ध्यान में रखते हुए यदि शिक्षा के क्रमिक सोपानों पर विचार किया जाए, तो भारतीय विद्यार्थी को सर्वप्रथम इस प्रकार की शिक्षा दी जानी चाहिए, जो आवश्यक हो, दूसरी जो उपयोगी हो और तीसरी जो हमारे जीवन को परिष्कृत एवं अलंकृत करती हो। ये तीनों सीढ़ियाँ एक के बाद एक आती हैं, इनमें व्यतिक्रम नहीं होना चाहिए। इस क्रम में व्याघात आ जाने से मानव-जीवन का चारु प्रासाद खड़ा करना असंभव है। यह तो भवन की छत बनाकर नींव बनाने के सदृश है। वर्तमान भारत में शिक्षा की अवस्था देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि प्राचीन भारतीय दार्शनिकों ने अन्नसे आनंदकी ओर बढ़ने को जो विद्या का सारकहा था, वह सर्वथा समीचीन ही था।

·        निम्नलिखित में प्रश्नों का निर्देशानुसार उत्तर दीजिए —

(क)  प्रस्तुत गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए।                                                                    1 अंक

(ख) व्यक्ति किस परिस्थिति में मानव-जीवन की उपाधि नहीं पा सकता ?                                       1 अंक

(ग)    विद्या के कौन-से दो रूप बताए गए हैं?                                                                            1 अंक

(घ)   विद्याहीन व्यक्ति की समाज में क्या दशा होती है?                                                               1 अंक

(ङ)  वर्तमान शिक्षा पद्धति के लाभ व हानि बताइए ।                                                                  2 अंक

(च)   शिक्षा के क्रमिक सोपान कौन-कौन-से हैं?                                                                         2 अंक

(छ)  शिक्षित युवकों को अपना बहुमूल्य समाज क्यों बर्बाद करना पड़ता है?                                      2 अंक

10

प्रश्न -2

 

 

निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश को ध्यान पूर्वक पढिए  :                                                     

 

और जिन्हें इस शान्ति-व्यवस्था में सुख-भोग सुलभ है,

उनके लिये शान्ति ही जीवन -सार, सिद्धि दुर्लभ है।

पर, जिनकी अस्थियाँ चबाकर,शोणित पी कर तन का,

जीती है यह शान्ति, दाहसमझो कुछ उनके मन का।
शांति नहीं तब तक, जब तक सुख-भाग न सबका सम हो।

नहीं किसी को बहुत अधिक हो, नहीं किसी को कम हो।

न्याय शान्ति का प्रथम न्यास है जब तक न्याय न आता,

जैसा भी हो महल शान्ति का सुदृढ़ नहीं रह पाता।

स्वत्व माँगने से न मिले, संघात पाप हो जाएँ।
बोलो धर्मराज, शोषित वे जिएँ या कि मिट जाएँ?
न्यायोचित अधिकार माँगने से न मिले, तो लड़ के
तेजस्वी छीनते समय को, जीत, या कि खुद मर के।
किसने कहा पाप है? अनुचित स्वत्व-प्राप्ति-हित लड़ना?
उठा न्याय का खड्ग समर में अभय मारना-मरना?

·        निम्नलिखित में प्रश्नों का निर्देशानुसार उत्तर दीजिए —

(क)  शांति किसके लिए सुलभ है ?

(ख) इस कविता में किसके हृदय के दाह की चर्चा की गई है ?

(ग)    कवि के अनुसार शांति के लिए क्या आवश्यक शर्त है ?

(घ)   शांति की नींव क्या है ?

(ङ)  शांति के लिए कवि ने कौन-सा रूपक गढ़ा है ?

(च)   तेजस्वी किस प्रकार समय को छीन लेते हैं ?

(छ)  न्यायोचित अधिकार के लिए मनुष्य को क्या करना चाहिए?

(ज)  कृष्ण युधिष्ठिर को युद्ध के लिए क्यों प्रेरित कर रहे हैं ?

अथवा

नीड़ का निर्माण फिर-फिर नेह का आह्वान फिर-फिर

वह उठी आँधी कि नभ में छा गया सहसा अँधेरा

धूलि-धूसर बादलों ने भूमि को इस भाँति घेरा,

रात-सा दिन हो गया फिर रात आई और काली,

लग रहा था अब न होगा, इस निशा का फिर सवेरा,

रात के उत्पात-भय से भीत जन-जन, भीत कण-कण

किंतु प्राची से उषा की मोहिनी मुसकान फिर-फिर

नीड़ का निर्माण फिर-फिर नेह का आह्वान फिर-फिर ।

वह चले झोंके कि काँपे, भीम कायावान भूधर,

जड़ समेत उखड़-पुखड़कर गिर पड़े, टूटे विटप वर,

हाय, तिनकों से विनिर्मित घोंसलो पर क्या न बीती,

डगमगा‌ए जबकि कंकड़, ईंट, पत्थर के महल-घर;

बोल आशा के विहंगम, किस जगह पर तू छिपा था,

जो गगन पर चढ़ उठाता गर्व से निज तान फिर-फिर!

नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर!

·        निम्नलिखित में प्रश्नों का निर्देशानुसार उत्तर दीजिए —

(क)  आँधी तथा बादल किसके प्रतीक हैं ? इनके क्या परिणाम होते हैं ?

(ख) कवि निर्माण का आह्वान क्यों करता है?

(ग)    कवि किस बात से भयभीत है और क्यों?

(घ)   उषा की मुसकान मानव-मन को क्या प्रेरणा देती है?

(ङ)  उसके झोंको से कौन काँप जाता है ?

(च)   कविता में तिनके के घोसलों से कवि का क्या आशय है ?

(छ)  कवि आशा का आह्वान क्यों करता है ?

(ज)  वह चले झोंके कि काँपे में कवि का वह से क्या आशय है ?

 

8

प्रश्न 3

 

            निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यान से पढ़कर उत्तर दीजिए । सभी के उत्तर अनिवार्य हैं ।                                                                             

(क)       ब्लॉग किसका उदाहरण है ?

(i)                  श्रव्य माध्यम

(ii)                दृश्य माध्यम

(iii)               दृश्य-श्रव्य माध्यम

(iv)              ई-मीडिया

(ख)       प्रिंट मीडिया के विषय में निम्नलिखित में से क्या सही नहीं है ?

(i)                  इसे लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता

(ii)                साक्षर समाज ही इसकी सीमा होती है

(iii)               एक ही प्रति को कई पाठक पढ़ सकते है

(iv)              इसे निरक्षर लोग भी पढ़ सकते हैं ?

(ग)        निम्नलिखित में से सोसल मीडिया की लोकप्रियता का सबसे सटीक कारण क्या है ?

(i)                  इससे आमदनी अच्छी होती है

(ii)                यह एक टिकाऊ माध्यम है

(iii)               यह अभिव्यक्ति का सर्वसुलभ माध्यम है

(iv)              इसमें बहुत कम व्यय होता है

(घ)       हाल ही में किस विदेशी लोकप्रिय रेडियो प्रसारण सेवा ने अपना हिंदी प्रसारण बंद कर दिया ?

(i)                  वॉयस ऑफ अमेरिका

(ii)                बीबीसी लंदन

(iii)               रेडियो सीलोन हिंदी सेवा

(iv)              इनमें से कोई नहीं

(ङ)       प्रसार भारती का संबंध निम्नलिखित में से किससे है ?

(i)                  रेडियो

(ii)                दूरदर्शन

(iii)               अखबार

(iv)              (i) और (ii) दोनों 

5 अंक

प्रश्न संख्या- 04 

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यान से पढ़िए ।                                                                   

 

सरल तामरस गर्भ विभा पर, नाच रही तरुशिखा मनोहर ।

छिटका जीवन हरियाली पर, मंगल कुंकुम सारा ।।

लघु सुरधनु से पंख पसारे, शीतल मलय समीर सहारे ।

उड़ते खग जिस ओर मुँह किए, समझ नीड़ निज प्यारा ।।

•           निम्नलिखित में प्रश्नों में दिए गए विकल्पों से निर्देशानुसार सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए

(क)       उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कविता से  उद्धृत हैं ?

(i)                  देवसेना का गीत

(ii)                कार्नेलिया का गीत

(iii)               सत्य

(iv)              बसंत आया

(ख)       इन पंक्तियों की रचना किस कवि द्वारा की गई है ?

(i)                  रघुवीर सहाय

(ii)                विष्णु खरे

(iii)               जयशंकर प्रसाद

(iv)              सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(ग)        इस कविता में खग किसका प्रतीक है ?

(i)                  पक्षी का

(ii)                प्रवासी भारतीयों का

(iii)               भारत में आने वाले विदेशी प्रवासियों का

(iv)              विदेशी आक्रांताओं का

(घ)       लघु सुरधनु से पंख पसारेमें कौन-सा अलंकार है ?

(v)                रूपक

(i)                  उत्प्रेक्षा

(ii)                उपमा

(iii)               भ्रांतिमान

(ङ)       इस कविता में भारत को नीड़ की संज्ञा क्यों दी गई है ?

(i)                  भारत में पेड़ अधिक हैं

(ii)                भारत मानवता का स्वाभाविक आश्रय-स्थल है

(iii)               भारत में घोसला बनाने के लिए घास फूस अधिक है

(iv)       इनमें से कोई नहीं

5 अंक

प्रश्न - 05 

            निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़िए ।

ये लोग आधुनिक भारत के नए शरणार्थीहैं, जिन्हें औद्योगीकरण के झंझावात ने अपनी घर-जमीन से उखाड़ कर हमेशा के लिए निर्वासित कर दिया है। प्रकृति और इतिहास के बीच यह गहरा अंतर है। बाढ़ या भूकंप के कारण लोग अपना घर-बार छोड़ कर कुछ अरसे के लिए जरूर बाहर चले जाते हैं, किंतु आफत टलते ही वे दोबारा अपने जाने-पहचाने परिवेश में लौट भी आते हैं। किंतु विकास और प्रगति के नाम पर जब इतिहास लोगों को उन्मूलित करता है, तो वे फिर कभी अपने घर वापस नहीं लौट सकते। आधुनिक औद्योगीकरण की आँधी में सिर्फ मनुष्य ही नहीं उखड़ता, बल्कि उसका परिवेश और आवासस्थल भी हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं।

•           निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए

(क)       लेखक के अनुसार  भारत के नए शरणार्थी कौन हैं ?

(i)                           पाकिस्तान से बेघर हुए लोग ।

(ii)             औद्योगीकरण से बेघर हुए लोग ।

(iii)            सूनामी से बेघर हुए लोग ।

(iv)           झंझावात से बेघर हुए लोग

(ख)       प्राकृतिक आपदा से उजड़े हुए लोगों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन उपयुक्त है ?

(i)                  लोग अपना घर-बार छोड़ कर हमेशा के लिए बाहर चले जाते हैं।

(ii)                वे दोबारा अपने जाने-पहचाने परिवेश में लौट आते हैं।

(iii)               उनके परिवेश और आवासस्थल भी हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं।

(iv)              आपदा उन्हें उन्मूलित करता है, तो वे फिर कभी अपने घर वापस नहीं लौट सकते।

(ग)        विकास और प्रगति के नाम पर जब इतिहास लोगों को उन्मूलित करता है, तो वह क्या करता है ?

(i)                  लोग बार-बार अपने अधिवास से आते-जाते रहते हैं ।

(ii)                उनके परिवेश और आवासस्थल भी हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं।

(iii)               आफत टलते ही वे दोबारा अपने जाने-पहचाने परिवेश में लौट भी आते हैं।

(iv)              लोग उत्सव मनाते हैं ।

(घ)       लेखक के अनुसार इतिहास और प्रकृतिक आपदा में कौन अधिक स्थायी और भयावह है ?

(i)                  इतिहास

(ii)                प्रकृतिक आपदा

(iii)               दोनों समान

(iv)              दोनों में से कोई नहीं

(ङ)       विकास और प्रगति के नाम पर जब इतिहास लोगों को उन्मूलित करता है, तो वे फिर कभी अपने घर वापस क्यों नहीं लौट सकते ?

(i)                  उन्हें नए स्थान पर अधिक सहूलियतें मिलती हैं ।

(ii)                उनके परिवेश और आवासस्थल भी हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं।

(iii)               वे अपने अतीत को भूल जाना चाहते हैं ।

(iv)             वे नए रोजगार पा जाते हैं ।

5

प्रश्न- 06

निम्नलिखित प्रश्नों में से निर्देशानुसार उचित विकल्प का चयन कीजिए—

(क)  सच्चे खिलाड़ी कभी रोते नहीं , बाजी पर बाजी हारते हैं, चोट पर चोट खाते हैं, धक्के पर धक्के सहते हैं पर मैदान में डटे रहते हैं , उनकी त्योरीयों पर बल नहीं पड़ते । इस वाक्य में रेखांकित अंश का क्या अर्थ है ?

(i)     चिंता करना

(ii)   क्रोध करना

(iii) रोना

(iv) आनंद मनाना

(ख) आरोहण शीर्षक पाठ में लेखक ने किस घटना को विषय बनाया है ?

(i)      नौका विहार को

(ii)    पर्वतारोहण को

(iii)   अश्वारोहण को

(iv)  तौरकी को

(ग)   हिलांस का क्या अर्थ है ?

(i)      परिंदा

(ii)    स्थान

(iii)   आदमी

(iv)  पर्वत

(घ)   बिस्कोहर की माटी किस विधा की रचना है ?

(i)      कविता

(ii)    आत्मकथा

(iii)   रेखाचित्र

(iv)  रिपोर्ताज

(ङ)  हरसिंगार किस ऋतु  में खिलता है ?

(i)                  शरद

(ii)                वर्षा

(iii)               बसंत

(iv)              ग्रीष्म

(च)     अपना मालवा खाऊ उजाडू सभ्यता में लेखक ने मालवा की सभ्यता को खाऊ उजाडू सभ्यता क्यों कहा है ?

(i)      वहाँ के लोगों की मस्ती के कारण

(ii)    वहाँ की हरी भरी धरती के कारण

(iii)   आधुनिक औद्योगिक सभ्यता के प्रभाव के कारण

(iv)  वहाँ के भुक्खड़ लोगों के कारण

7

 

खंड : ब

वर्णनात्मक प्रश्न

40

कार्यालयीय हिन्दी और रचनात्मक लेखन

20

प्रश्न –07

निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 150 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए—

(क)  लॉक डाउन में एक दिन

(ख) धरती मेरी माँ

(ग)    भाषा बहता नीर

5

प्रश्न –08

इन्टरनेट कनिक्टिविटी में समस्या के कारण ऑनलाइन कक्षा में व्यवधान का उल्लेख करते हुए बीएसएनएल के क्षेत्रीय  प्रबन्धक को पत्र लिखिए ।                                                                                                                 

अथवा

अपने क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य निदेशक को उसे दूर करने के उपाय हेतु पत्र लिखिए ।

5

प्रश्न –09

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 40-50 शब्दों में लिखिए ।                                                     

(क)               सोसल मीडिया की तीन प्रमुख विशेषताएँ  बताइए ।                                                  3 अंक

अथवा

            प्रिंट मीडिया की तीन प्रमुख सीमाएँ बताइए ।

(ख)             नाटक के प्रमुख तत्त्वों का नामोल्लेख कीजिए ।                                                         2 अंक

अथवा

            पटकथा के संबंध में नाटक और फिल्म का मुख्य अंतर बताइए ।

5

प्रश्न -10

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 40-50 शब्दों में लिखिए ।                                                     

(क)  संपादकीय लेखन से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए ।                                                    3 अंक

अथवा

सम्पादन के कौन-कौन से सिद्धान्त हैं ? उल्लेख कीजिए ।

(ख) समाचार और फीचर में क्या अंतर है ? लिखिए ।                                                                 2 अंक

अथवा

            वाचडॉग पत्रकारिता क्या है ? संक्षेप में समझाइए ।

5

 

पाठ्य-पुस्तक

20

प्रश्न -11

निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं 2 के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखिए ।           

(क)  कार्नेलिया का गीत कविता में जयशंकर प्रसाद ने भारत की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया है ?

(ख) एक कम कविता के कवि ने 1947 के बाद क्या-क्या देखा है ?

(ग)    विद्यापति की नायिका पत्र में क्या संदेश भेजना चाहती है ?

6

प्रश्न -12

निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं 2 के उत्तर 40-50 शब्दों में लिखिए ।

(क)  बारहमासा कविता की नायिका कौवे और भौरे से क्या संदेश भेजना चाहती है और क्यों ? स्पष्ट कीजिए ।

(ख) कौशल्या पथिक से राम को किसके बारे में और क्या संदेश भेजना चाहती हैं ? समझाइए ।

(ग)    बसंत की हवा कवि को कैसी महसूस होती है ? लिखिए ।

 

4

प्रश्न -13

निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं 2 के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखिए ।           

(क)  लेखक ने धर्म के दृष्टांत को जानने के लिए घड़ी के पुर्जे का उदाहरण क्यों दिया है ? स्पष्ट कीजिए ।

(ख) संवदिया की क्या विशेषताएँ हैं ? गाँव वालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा है ? उल्लेख कीजिए ।

(ग)      दूसरा देवदास के आधार पर गंगापुत्र के लिए गंगा मैया ही जीवन और जीविका हैं । इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए ।

6

प्रश्न -14

निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं 2 के उत्तर 40-50 शब्दों में लिखिए ।

(क)  जहाँ कोई वापसी नहीं शीर्षक का क्या आशय है ? स्पष्ट कीजिए । 

(ख) आचार्य रामचंद्र शुक्ल प्रेमघन से क्यों मिलना चाहते हैं ? लिखिए ।

(ग)    शेर लघुकथा में शेर किसका प्रतीक है और क्यों ? समझाइए ।