(सन् 1918 से 1936 ई.)
आधुनिक हिंदी कविता के तीसरे युग को छायावाद युग कहा जाता है । इसे आधुनिक हिंदी कविता का स्वर्ण-युग माना जाता है। छायावाद युग में लिखी गई कविताओं को छायावादी कविता कहते हैं । छावादी कविताएँ लिखने वाले चार मुख्य कवि हैं—
1. जयशंकर प्रसाद
2. निराला
3. महादेवी वर्मा
4. सुमित्रा नंदन पंत
छायावादी कविता की विशेषताएँ :
1. छायावादी कविता प्रेम और सौंदर्य की कविता है ।
2. इन कविताओं में कल्पना अधिक है ।
3. छायावादी कवियों ने प्रकृति से प्रेम की कविताएँ लिखी हैं ।
4. इन्होंने प्रकृति का वर्णन मनुष्य के रूप में (मानवीकरण) किया है ।
5. छायावादी कविता में स्त्री को प्रेम और सम्मान दिया गया है ।
6. छायावादी कविता मानवता की कविता है ।
7. इस कविताओं स्वतंत्रता की इच्छा है ।
8. छायावादी कविता की भाषा में संस्कृत शब्दों का प्रयोग अधिक है ।
उदाहरण :
दिवसावसान का समय
मेघमय आसमान से उतर रही है
वह संध्या-सुंदरी परी-सी
धीरे-धीरे-धीरे । (संध्या-सुंदरी : निराला )