जयशंकर
प्रसाद
जयशंकर
प्रसाद का जन्म बनारस के एक धनी परिवार में हुआ था । उनके दादा जी सुँघनी साहू
बनारस के प्रसिद्ध व्यवसायी थे । बचपन में ही जयशंकर प्रसाद की माता जी की मृत्यु
हो गई । उनकी आरंभिक पढ़ाई क्विंस कॉलेज वाराणसी में हुई ।
जयशंकर
प्रसाद ने हिंदी की अनेक विधाओं में रचनाएँ कीं । कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास इनमें से मुख्य विधाएँ हैं ।
जयशंकर
प्रसाद छायावाद युग के महत्त्वपूर्ण कवि हैं । इनकी कविताओं में बहुत मधुरता है । ‘कामायनी’ इनकी सबसे प्रसिद्ध काव्य-पुस्तक है।
जयशंकर
प्रसाद की 48 वर्ष की उम्र में क्षय ( टी. बी.) रोग के कारण हुई । इनकी मृत्यु की
तारीख 14 जनवरी 1937 है ।
जयशंकर प्रसाद के
काव्य की विशेषताएँ :
· जयशंकर प्रसाद प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं ।
· उनकी कविताओं में मधुरता है ।
· इन कविताओं में कल्पना की अधिकता है ।
· प्रसाद ने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विषयों पर कविताएँ लिखी हैं ।
· उनके पूरे साहित्य में भारत के सांस्कृतिक गौरव का गान है ।
· उन्होंने प्रेम और त्याग तथा समर्पण को सबसे ऊँचा मानवीय मूल्य माना है ।
· ‘आँसू’ आधुनिक हिंदी कविता में विरह काव्य का सुंदर उदाहरण है ।
· ‘कामायनी’ आधुनिक हिंदी कविता का सबसे महत्त्वपूर्ण महाकाव्य है ।