सगुण भक्त कवि वैष्णव थे। इन्होंने विष्णु के अवतारों की उपासना की । इनकी भक्ति का आधार अवतारवाद है । सगुण भक्तों ने ब्रह्म की उपासना उनके अवतारों के रूप में की, जैसे- राम और कृष्ण । इन भक्तों ने ईश्वर से प्रिय, सखा और दास भाव की भक्ति की । भक्त कवियों ने प्रेम को एक व्यापक रूप दिया । इनहोंने प्रेम को सबसे बड़ा मानवीय मूल्य माना है । सगुण भक्त कवियों ने अपना साहित्य मुख्य रूप से ब्रज और अवधी बोलियों में लिखा । रामचरित मानस सूरसागर आदि इन कवियों की महत्त्वपूर्ण रचनाएँ हैं।
सगुण
भक्ति के दो प्रकार हैं—
क. कृष्णभक्ति काव्य
ख. रामभक्ति काव्य