हिंदी भाषा का अर्थ-
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हिंदी भाषा का अर्थ है हिंद
की भाषा।
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‘हिंद’ फारसी भाषा का शब्द है ।
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फारसी में ‘स’ का उच्चारण ‘ह’ होता है।
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भारत में बहने वाली ‘सिंधु’ नदी को फारस (ईरान) के लोगों ने ‘हिंदु’ कहा और उसके क्षेत्र को हिंद ।
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सिंधु नदी का क्षेत्र ईरान के
अधिक पास था । ईरानी लोग इसी क्षेत्र के निवासियों के द्वारा भारत के संपर्क में
आये। इसलिए वे सिंधु नदी के पूरब और दक्षिण के पूरे क्षेत्र को हो हिंद कहने लगे ।
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भारत का एक पुराना नाम हिंद
या हिंदुस्तान (हिंदु-स्थान) भी है ।
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हिंदी हिंद (भारत) की भाषा
का नाम है ।
हिंदी शब्द
का हिंदी भाषा के अर्थ में
प्रयोग -
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फारसी में हिंदी
(जबान-ए-हिंदी) का प्रयोग भारत की सभी भाषाओं के लिए हुआ हुआ है।
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भारत में ‘हिंदवी’
या ‘हिंदी’ शब्द का
प्रयोग अमीर खुसरू ( सन् 1253-1325 ई.) ने किया।
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खुसरो की ‘हिंदी’
या ‘हिंदवी’ का अर्थ था—
मध्य भारत में बोली जाने वाली देशी भाषा।
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सोलहवीं सदी में जायसी ने भी
भाषा के लिए ‘हिंदवी’ का प्रयोग किया था।
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अठारहवीं शताब्दी के आसपास ‘हिंदी’, ‘हिंदुस्तानी’, ‘हिंदवी’ भाषा हिंदी और उर्दू दो अलग भाषाओं में बँट गई।
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हिंदी में देशी भाषा के शब्द अधिक थे और उर्दू
में अरबी–फारसी के शब्दों की अधिकता थी।
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सन् 1800 ई. फोर्ट विलियम कॉलेज
कलकत्ता में हिंदुस्तानी भाषा का
एक नया विभाग शुरु हुआ।
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उसके बाद भाषा के अर्थ में
हिंदुस्तानी शब्द का प्रयोग होने लगा ।
हिंदी का वर्तमान
· हिंदी
मध्य भारत की सामान्य बातचीत की भाषा है ।
· यह
मध्य भारत की अनेक उपभाषाओं और बोलीयों को आपस में जोड़ने वाली भाषा है।
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हिंदी अलग-अलग भाषाएँ बोलने वाले
भारतीयों के बीच संपर्क की भाषा है ।
· यह
तत्सम हिंदी, उर्दू, हिंदुस्तानी,
दक्खिनी हिंदी आदि के रूप में लगभग पूरे भारत में बोली और समझी जाती
है ।
हिंदी का
क्षेत्र-विस्तार
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हिंदी का मानक रूप मेरठ और
दिल्ली के आस-पास की बोली (खड़ी बोली) का विकसित रूप है।
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इसका वास्तविक
क्षेत्र-विस्तार पूरा मध्य भारत है।
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हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान,
मध्यप्रदेश, छ्त्तीसगढ़, झारखंड,
बिहार और उत्तर प्रदेश को हिंदी-क्षेत्र कहा जाता है ।
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