भाषा का विकास और भारतीय भाषाओं का इतिहास
भाषा, मनुष्य के विचारों, भावनाओं और इच्छाओं को व्यक्त करने का एक प्रमुख साधन है। यह समय के साथ विकसित और परिवर्तित होती रही है, जो मनुष्य की आवश्यकताओं और सामाजिक परिप्रेक्ष्य से जुड़ी रही है।
भारत में भाषा का इतिहास
भारत में भाषा का इतिहास अत्यंत प्राचीन है, और यहाँ की सबसे पुरानी लिखित भाषा का प्रमाण सिंधुघाटी सभ्यता से मिलता है। हालांकि, इसे अभी तक पूरी तरह से पढ़ा नहीं जा सका है। संस्कृत को भारत की सबसे पुरानी भाषा माना जाता है, जो भारोपीय (Indo-European) भाषा परिवार से संबंधित है। इस परिवार को आर्य भाषा परिवार भी कहा जाता है। यह परिवार विश्व का सबसे बड़ा भाषा परिवार है, और इसमें संस्कृत, जर्मन, फ्रेंच, ग्रीक, लैटिन, अंग्रेजी, स्पेनिश, रूसी, ईरानी जैसी अनेक प्रमुख भाषाएँ शामिल हैं। संस्कृत और ऑवेस्ता (ईरानी) इस परिवार की मुख्य भाषाएँ हैं।
भारोपीय भाषा परिवार (आर्य भाषा परिवार)
भारोपीय भाषा परिवार का विभाजन इस प्रकार है:
- योरोपीय भाषाएँ - जर्मन, लैटिन, ग्रीक, फ्रेंच, अंग्रेजी आदि।
- भारत-ईरानी भाषा परिवार
- भारतीय आर्य भाषाएँ - संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाएँ।
- ईरानी आर्य भाषाएँ - जैसे ऑवेस्ता की भाषा और मिडी।
भारतीय आर्य भाषाएँ
भारतीय आर्य भाषाओं का विकास तीन मुख्य चरणों में हुआ:
प्राचीन भारतीय आर्य भाषाएँ (1500 ई.पू. से 500 ई.पू.):
- संस्कृत को विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक माना जाता है। इसके दो प्रमुख रूप हैं:
- वैदिक संस्कृत (1500 ई.पू. से 800 ई.पू.) - वेदों की भाषा।
- लौकिक संस्कृत (800 ई.पू. से 500 ई.पू.) - संस्कृत साहित्य की भाषा।
- संस्कृत को विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक माना जाता है। इसके दो प्रमुख रूप हैं:
मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएँ (500 ई.पू. से 1000 ई.):
- इस काल में कई महत्वपूर्ण भाषाएँ विकसित हुईं, जिनमें प्रमुख हैं:
- पालि (ईसा पूर्व 5वीं शताबदी से 1वीं शताबदी तक) - बौद्ध साहित्य।
- प्राकृत (1वीं से 6वीं शताबदी ईस्वी तक) - जैन साहित्य।
- अपभ्रंश (6वीं से 11वीं शताबदी तक) - यह पूरे उत्तर और मध्य भारत में बोली जाती थी, और इसमें जैन धर्म और व्याकरण के ग्रंथ मिले हैं।
- इस काल में कई महत्वपूर्ण भाषाएँ विकसित हुईं, जिनमें प्रमुख हैं:
आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ (1000 ई. के बाद):
- इस काल में भारतीय भाषाओं का विकास हुआ और विविध रूप में फैलने लगीं। प्रमुख भारतीय भाषाएँ निम्नलिखित हैं:
- कश्मीरी
- हिंदी
- मराठी
- गुजराती
- बंगला
- उड़िया
- असमिया
- पंजाबी
- सिंधी
- इस काल में भारतीय भाषाओं का विकास हुआ और विविध रूप में फैलने लगीं। प्रमुख भारतीय भाषाएँ निम्नलिखित हैं:
अपभ्रंश और इसकी शाखाएँ
अपभ्रंश की कई शाखाएँ थीं, जिनसे आधुनिक भारतीय भाषाएँ विकसित हुईं:
- शौरसेनी - पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी हिंदी (कुमाऊंनी, गढ़वाली), राजस्थानी, गुजराती।
- अर्द्ध मागधी - पूर्वी हिंदी।
- मागधी - बंगला, उड़िया, असमिया, बिहारी हिंदी।
- महाराष्ट्री - मराठी।
- ब्राचड़ - सिंधी।
- पैशाची - पंजाबी।
निष्कर्ष
भारत में भाषा का इतिहास अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। संस्कृत से लेकर आधुनिक भारतीय भाषाओं तक, प्रत्येक चरण में भाषा ने समाज और संस्कृति के विकास को दर्शाया है। भारतीय आर्य भाषाएँ विश्व की अन्य भाषाओं से निकट संबंध रखती हैं, और इनकी विविधता आज भी भारतीय समाज की विशेष पहचान बनाती है।
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