तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas) वह समास है, जिसमें पहला शब्द दूसरे शब्द का विशेषण होता है यानी पहले शब्द का दूसरा शब्द की विशेषता बताता है। इस समास में पहले शब्द और दूसरे शब्द के बीच कोई संबंध होता है, जो नए शब्द के अर्थ को स्पष्ट करता है। तत्पुरुष समास का निर्माण प्रायः किसी वस्तु के स्वामी, कर्ता, स्थान या गुण को दर्शाने के लिए किया जाता है।
तत्पुरुष समास की परिभाषा:
तत्पुरुष समास में दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं, और पहला शब्द दूसरे शब्द की विशेषता बताता है। इसमें पहला शब्द विशेषण और दूसरा शब्द विशेष्य (जिसका विशेषण हो) होता है।
संक्षेप में:
- पहला शब्द विशेषण होता है, दूसरा शब्द विशेष्य होता है।
- इस समास का निर्माण मुख्य रूप से किसी व्यक्ति, स्थान, समय या गुण के रूप में होता है।
तत्पुरुष समास के उदाहरण:
राजमहल
- राज (राजा) + महल (महल)
- अर्थ: राजा का महल
धरतीपुत्र
- धरती (धरती) + पुत्र (पुत्र)
- अर्थ: धरती का पुत्र (यह शब्द सामान्यत: किसी ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है जो भूमि से संबंधित हो या किसान)
रात्रिवेला
- रात्रि (रात) + वेला (समय)
- अर्थ: रात का समय
शिवमंदिर
- शिव (शिव भगवान) + मंदिर (मंदिर)
- अर्थ: शिव का मंदिर
आधिकारिकपत्र
- आधिकारिक (आधिकारिक) + पत्र (पत्र)
- अर्थ: आधिकारिक पत्र (जिसे किसी कार्यालय या संस्थान से जारी किया गया हो)
पुस्तकालय
- पुस्तक (पुस्तक) + आलय (घर)
- अर्थ: पुस्तकों का घर (पुस्तकालय)
तत्पुरुष समास के प्रकार:
सम्बोधनात्मक तत्पुरुष समास
इसमें पहला शब्द दूसरे शब्द को संबोधित करता है।- उदाहरण: राजकुमार (राजा का पुत्र)
कर्मात्मक तत्पुरुष समास
इसमें पहला शब्द किसी क्रिया के फल या परिणाम को व्यक्त करता है।- उदाहरण: दूरदर्शन (दूर से देखने का उपकरण)
स्वाम्य तत्पुरुष समास
इसमें पहला शब्द दूसरे शब्द का स्वामी या मालिक होता है।- उदाहरण: गृहस्वामी (घर का मालिक)
संग्रहात्मक तत्पुरुष समास
इसमें पहले शब्द का मतलब दूसरी चीज़ को एकत्रित या समेटने का होता है।- उदाहरण: द्वारपाल (द्वार की रक्षा करने वाला)
संबंधात्मक तत्पुरुष समास
इसमें पहले शब्द और दूसरे शब्द के बीच संबंध होता है।- उदाहरण: विद्यार्थी (विद्या से संबंधित व्यक्ति)
तत्पुरुष समास की विशेषताएँ:
- इस समास में पहले शब्द का कोई विशेषण होता है, जो दूसरे शब्द को स्पष्ट करता है।
- यह समास कभी कभी क्रिया के साथ जुड़ता है, जैसे "कर्मधारय समास" में होता है।
- एक वैयक्तिक समास का निर्माण भी तत्पुरुष समास द्वारा होता है, जब इसमें किसी व्यक्ति का नाम या पहचान जुड़ती है।
निष्कर्ष:
तत्पुरुष समास हिंदी भाषा में एक बहुत ही सामान्य और महत्वपूर्ण समास है, जो किसी वस्तु या व्यक्ति की विशेषता या संबंध को संक्षेप में व्यक्त करता है। इससे भाषा सरल और प्रभावशाली बनती है।