कारक
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चिह्न
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उदाहरण
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कर्ता कारक
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ने
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1.
राम ने रोटी खाई।
2.
मैं घर जाता हूँ।
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कर्म कारक
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को
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3.
राम ने रावण को मारा।
4.
मैंने आपको देखा।
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करण कारक
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से/के द्वारा
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5.
वह कलम से लिखता है।
6.
वह बस से घर गया।
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सम्प्रदान कारक
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को/ के लिए
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7.
उसने राम को पैसे दिए।
8.
शिक्षक ने छात्रों को शिक्षा दी।
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अपादान कारक
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से अलग
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9.
गंगा हिमालय से निकलाती है।
10.
वह घर से आता है।
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संबंध कारक
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का
की
के
रा
री
रे
ना
नी
ने
|
11.
यह राम का घर है।
12.
राम के पिता कल आयेंगे।
13.
यह उसकी कलम है।
14.
तुम्हारा नाम रेखा है।
15.
तुम्हरे घर में कौन-कौन है?
16.
तुम्हारी माँ कब आएँगी?
17.
तुम
अपना काम करो।
18.
तुम अपनी कलम मुझे दो।
19.
मैं
अपने घर जाता हूँ।
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अधिकरण कारक
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में, पर
|
20.
हम कक्षा में हैं।
21.
वह हिमालय पर चढ़ता है।
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संबोधन
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हे, ऐ
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22.
हे सीता ! तुम घर जाओ
23.
ऐ लड़के इधर आओ।
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रविवार, 5 अप्रैल 2020
कारक और परसर्ग
शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020
हिंदी-प्रदेश : हिंदी की उपभाषाएँ और बोलियाँ
परिचय:
हिंदी
मध्य भारत की सामान्य बातचीत की भाषा है।
मध्य
भारत के हिंदी-भाषी क्षेत्र को हिंदी प्रदेश कहते हैं।
इस
प्रदेश में बोली जाने वाली अनेक स्थानीय बोलियाँ हैं।
इन
बोलियों के समूह को उपभाषाएँ कहते हैं।
इन
उपभाषाओं का सामूहिक नाम हिंदी है।
हिंदी की उपभाषाएँ :
हिंदी
की पाँच उपभाषाएँ हैं—
1. राजस्थानी
हिंदी
2. पश्चिमी
हिंदी
3. पूर्वी
हिंदी
4. बिहारी
हिंदी
5. पहाड़ी हिंदी
1. राजस्थानी
हिंदी:
राजस्थानी
हिंदी का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ।
1. मारवाड़ी
(पश्चिमी राजस्थानी)
2. जयपुरी
(पूर्वी राजस्थानी)
3. मेवाती
(उत्तरी राजस्थानी)
4. मालवी
(दक्षिणी राजस्थानी)
2. पश्चिमी हिंदी
पश्चिमी
हिंदी का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ।
इसका
क्षेत्र हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश है।
इसकी
निम्नलिखित बोलियाँ हैं-
1. हरियाणवी
या बाँगरू (हरियाणा राज्य में)
2. कौरवी
या खड़ी बोली( दिल्ली-मेरठ के आसपास)
3. बुंदेली
(बुंदेलखंड : झाँसी के आस-पास)
कन्नौजी( कन्नौज-फर्रूखाबाद के आस-पास)
3. पूर्वी
हिंदी:
पूर्वी
हिंदी का विकास अर्द्ध-मागधी
अपभ्रंश से हुआ।
इसकी
तीन बोलियाँ हैं—
1.
अवधी (लखनऊ-फैजाबाद के
आस-पास)
2.
बघेली ( बघेलखंड)
3.
छत्तीसगढ़ी (छत्तीसगढ़)
4. बिहारी हिंदी:
बिहारी
हिंदी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बोली जाती है।
बिहारी
हिंदी की मुख्यतः तीन बोलियाँ हैं—
2. मगही
3. मैथिली
5. पहाड़ी हिंदी :
· भारत
के पहाड़ी हिंदी उत्तराखंड राज्य में बोली जाती है।
· इसकी
दो प्रमुख बोलियाँ हैं—
1.
कुमायूँनी
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